वो निकली थी घर से तक़दीर बदलने अपनी। वो निकली थी घर से तक़दीर बदलने अपनी।
उन बलिदानों के सम्मान में हम सब ध्वज आरोहण करते हैं। उन बलिदानों के सम्मान में हम सब ध्वज आरोहण करते हैं।
सबको पथ दिखलाने वाला। ऐसा भारत देश निराला।। सबको पथ दिखलाने वाला। ऐसा भारत देश निराला।।